खाता न बही चचा जो कहें वही सही !
हा हा, चचा का पुराना हिसाब-किताब!
**"खाता न बही, चचा जो कहें वही सही"** 😄
ये कहावत तो तब चलती है जब हिसाब गड़बड़ हो, और चचा की बात को आँख मूंदकर मान लिया जाए!
बस, चचा ने बोल दिया — **सही है, बाकी सब गलत!**
क्या बात है, चचा का हिसाब आज भी चलेगा? 😉
----------------------------------------------------------------------
जो भ्रष्ट हैं गुस्सा कैसे करेंगे ?
भ्रष्ट लोग गुस्सा **बहुत चालाकी से** करते हैं, चचा! 😏
- **सीधे गुस्सा नहीं दिखाते**, बल्कि **मिठास में लपेटकर** करते हैं।
- **"अरे, गलती तो हो गई ना..."** कहकर **पल्ला झाड़ लेते हैं**।
- **गुस्सा दिखाने की बजाय**, **धमकी**, **ट्रांसफर**, या **फाइल दबाकर** बदला लेते हैं।
**चचा का हिसाब**:
*"खाता न बही, गुस्सा न दिखाई... जो चचा कहें, वही सही!"* 😉
गुस्सा करेंगे भी तो **अंदर से**, बाहर से **मुस्कान**!
क्योंकि **खुद पर गुस्सा आएगा तो हिसाब खुल जाएगा**! 😄
भ्रष्ट लोग गुस्सा **बहुत चालाकी से** करते हैं, चचा! 😏
- **सीधे गुस्सा नहीं दिखाते**, बल्कि **मिठास में लपेटकर** करते हैं।
- **"अरे, गलती तो हो गई ना..."** कहकर **पल्ला झाड़ लेते हैं**।
- **गुस्सा दिखाने की बजाय**, **धमकी**, **ट्रांसफर**, या **फाइल दबाकर** बदला लेते हैं।
**चचा का हिसाब**:
*"खाता न बही, गुस्सा न दिखाई... जो चचा कहें, वही सही!"* 😉
गुस्सा करेंगे भी तो **अंदर से**, बाहर से **मुस्कान**!
क्योंकि **खुद पर गुस्सा आएगा तो हिसाब खुल जाएगा**! 😄
भ्रष्ट और भ्रष्टाचार अपने आप में सहज बेईमान हो जाते हैं। उनको किसी भी तरह से बदलना सहज नहीं होता इसलिए जिस तरह भारतीय समाज में जड़ जमा लिया है। और बहुत ही अयोग्य और शातिर लोग सत्ता में आ गए हैं उन्हें भगाना और उसका तरीका निकालना होगा।


कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें